The Nagaland government on Friday decided to set up a joint consultative committee for preparation of Register of Indigenous Inhabitants of Nagaland (RIIN), the state’s own version of the National Register of Citizens (NRC). According to the state government, the exercise of RIIN is to identify the citizens who settled in Nagaland prior to December 1, 1963, the day it became a full-fledged state.
असम की तर्ज पर अब नागालैंड में भी एनआरसी लागू होगा. हालांकि यहां इसे NRC के बजाय RIIN कहा जाएगा. जिसका मतलब है नागालैंड के स्वदेशी अभिजात वर्ग का रजिस्टर. इस मुद्दे को लेकर नागालैंड सरकार ने शुक्रवार को एक संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक की. कोहिमा में मुख्यमंत्री के आवासीय परिसर में आयोजित इस बैठक में 21 शीर्ष आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों और नागरिक संगठनों ने भाग लिया. बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता और सलाहकार मोहनलुमो किकोन ने कहा कि मीटिंग सकारात्मक रही.
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